एमपी नाउ डेस्क
Bollywood Movies on Ganesh Festival: हिन्दूधर्म के प्रमुख त्योंहारों में से एक विघ्नहर्ता गणेश की पूजन की शरुआत हो चुकी है, अनंतचतुर्थी से शुरु हुई गणेश पूजन का शुभ अवसर अगले दस दिनों तक निरंतर चलता रहता है, जिसमें बप्पा के भक्त गणेश प्रतिमा को अपने- अपने घर में विराजित करके विधि विधान से पूजन और अर्चना करते हैं। देशभर में ख़ासकर महाराष्ट्र में गणेशोत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हैं, ऐसे में हिन्दीभाषी फिल्में गणेश उत्सव से कैसे अछुती रह सकती है वह भी तब जब 99 प्रतिशत हिंदी फिल्मों का निर्माण यह तो महाराष्ट्र में हो रहा है या प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रुप से इस राज्य से जुड़ी होती है।
विघ्नहर्ता श्री गणेश की कृपा और आशीर्वाद, भक्ति के प्रताप का बखान तो बॉलीवुड फिल्मों मे 1925 से ही शुरु हो गया था, जब दादासाहब फाल्के ने अपनी फिल्म ‘गणेशा उत्सव’ में पहली बार भगवान गणेश की महिमा को रुपहले पर्दे में पेश किया था। यह संभवतः भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म थी जिसने गणेश उत्सव को दर्शाया था, यह फिल्म दादा साहब फाल्के द्वारा बनाई गई पहली फिल्म राजा हरिश्र्चंद 1913 के 12 साल बाद बनाई गई थी।
इसके बाद वर्ष 1936 में एकबार फिर ‘पुजारिन’ फिल्म में गणेशभक्ति को लेकर फिल्मायें गए सीन और गानों नें विघ्नहर्ता के भक्तों को भक्ति भाव से गणेश भक्ति में लीन कर दिया।
गणेशोत्सव उन चुनिंदा त्योंहारों में से एक है, जिसे हिंदी सिनेमा में फिल्माकंन से फिल्मकारों नें जमकर चांदी बटौरी। 1978 में बनी फिल्म जय गणेश जिसमें रमेश देव, कनन कौशल, मास्टर टिटो जैसे कलाकारों ने भूमिका निभाई थी, ये इसी बात की ओर इशारा करते है। इन फिल्मों के अलावा मीना कुमारी, महिपाल, एस एन त्रिपाठी अभिनीत और होमी वाडिया द्वारा निर्देशित फिल्म श्री कृष्ण विवाह याने गणेश महिमा 1950 में रिलीज फिल्म भी इस बात की ओर इशारा करती हैं कि गणेशपूजा और विघ्नहर्ता की महिमा को लेकर पैसे बनाने में हिन्दी फिल्मकार कितने अधिक सजींदा थे।
आधुनिक दौर में भी जब एनिमेटेड फिल्मों का चलन शुरु हुआ तब माइ फ्रेंड गणेशा, बाल गणेशा, अजय देवगन की फिल्म अतिथी तुम कब जाओगें जैसी फिल्मों का निर्माण करके फिल्म निर्माताओँ नें विध्नहर्ता की लोकप्रियता को भुनाया। इसी संजीदगी का नतीजा रहा कि जब-जब विनायक गणेश बड़े पर्दे में आए तब- तब विनायक गणेश के भक्तों ने इन फिल्मों को जमकर प्यार लूटाया।
इन बॉलीवुड फिल्मों के गीतों के बिना गणेश पूजा अधूरी
हिंदी फिल्मों में कई ऐसे गानों की रचना की गई जिसके बिना गणेश पूजा की रौनक ही अधूरी रह जाती हैं, जी हां! क्योकिं हिंदी फिल्मों में विध्नहर्ता की भक्ति के ऊपर फिल्मायें गए गानें आज भी प्रासंगिक है फिर चाहें वह वर्ष 1981 में मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म हम से बढ़कर कौन का लोकप्रिय गाना ‘देवा हो देवा गणपति देवा’ जिसे किशोर कुमार और मोहम्द ऱफी ने अपनी सुंदर अवाज से गाया गया गाना हो तो वही दूसरी ओर 1990 की अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म अग्निपथ में फिल्माया गया गाना ‘गणपति अपने गॉव चले कैसे हमको चैन पड़े’ गाना जिसे सुदेश भोंसले और कविता कृष्णमूर्ति ने अपनी शानदार अव़ाज से अमर कर दिया।
इन गानों के बिना गणेश पंडालों
में रौनक ही अधूरी रह जाती हैं। ये वह गानें है जिन्होनें गणेश भक्तों के मन में
एक अमिठ छाप छोड़ी है। संजय दत्त की फिल्म वास्तव में फिल्माया गया गाना एक और 90
के दशक का बेहतरीन गणेश भक्ति गानों में से है जिसमें गणेश महिमा का बखान किया
गया। जिसके बोल ‘जय देव जय देव’ आज भी विध्नहर्ता के भक्तों को भाव- विभोर कर
देते हैं। इन गानों के अलावा शाहरुख और ऋतिक की फिल्मों में फिल्मायें गए गानें
तुझको फिर जलवा दिखाना ही होगा, देवा श्री गणेशा जैसे गानों मे भी ख़ूब लोकप्रियता
हासिल की।
अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।
1 टिप्पणियाँ
बहुत ही सुंदर लिख रहे हो भाई
जवाब देंहटाएंलगे रहो