टिडडी दल के आक्रमण की चेतावनी

छिंदवाडा-कृषि विज्ञान केन्द्र,छिंदवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. सुरेन्द्र पन्नासे ने कृषकों से समसामयिकी जारी करते हुये अपील की है कि टिडडी दल हरदा एवं होषंगाबाद जिले तक पहुॅच चुका है, जिसकी आगामी दिनों मे हमारे जिले मे पहुचने की पूरी संभावना है जिसके लिये किसान भाईयों से अपील की जाती है कि वे रात के समय अपने खेतों की सतत निगरानी करें।

 टिडडी दल रात के समय खेतों पर रुककर फसलों को नुकसान पहुचाता है एवं जमीन पर लगभग 500 से 1500 अंडे प्रति मादा कीट देकर सुबह उड़ कर के दूसरी जगह चला जाता है। टिड्डी दल के समूह में लाखों की संख्या में टिड्डीयां होती है, ये जहाँ भी पेड़ पौँधे या अन्य वनस्पति दिखाई देती है उसको खाकर आगे बढ़ जाते है। टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव हैतु सभी किसान भाई को सलाह दी जाती है की अपने - अपने गाँव में समूह बनाकर खेतो में रात्रिकालीन के समय निगरानी रखने का कार्य शुरु कर दें। यह कीट किसी भी समय खेतों में आक्रमण कर क्षति पहुँचा सकता है । शाम 7 बजे से 9 बजे के मध्य यह दल रात्रिकालीन विश्राम के लिए
कही भी बैठ सकते है, जिसकी पहचान एवं जानकारी के लिए स्थानीय स्तर पर दल बनाकर सतत् निगरानी रखे। जैसे ही किसी गाँव में टिड्डी दल के आक्रमण एवं पहचान की जानकारी मिलाती है तो तुरन्त स्थानीय प्रशासन, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, से संपर्क कर जानकारी देवे। यदि टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो सभी किसान भाई टोली बनाकर विभिन्न तरह की परम्परागत उपाय जैसे ढोल, डीजे बजाकर, थाली, टीन के डिब्बे, ट्रैक्टर का सायलेंसर निकाल कर तेज आवाज करें, स्वयं शोर मचाकर अथवा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर खेतों से उन्हें भागाया जा सकता है। यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो टिडडी की विश्राम अवस्था में सुबह 3 बजे से 7 बजे के बीच में तुरंत कीटनाशक दवांओं में से किसी एक का
ट्रैक्टर चलित स्प्रे पम्प (पावर स्प्रेयर) से छिड़्काव करें- लेम्डासाईलोथ्रीन 5ः ई.सी.
400 मि.ली. या डाईफ्लूबेन्जूरान 25ः डबल्यू पी. 120 मिली या मेलाथियान 50ःः ई.सी. 1850 मिली प्रति है. के हिसाब से इनमें से कोई भी एक दवा का 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें यदि किसान भाईयों के पास तुरन्त दवा उप्लब्ध न हो तो
टिड्डी दल के आक्रमण हो जाने के बाद में ट्रेक्टर चलित (पावर स्प्रेयर) के द्वारा पानी की तेज बौछार से भी भगाया जा सकता है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए किसान भाईयों को सुझाव दिया जाता हैं कि वे हमेशा सतर्क रहे, उपरोक्त दवाएं बाजार से लेकर अपने घर पर पहले से ही
रख लें, ट्रेक्टर चलित पावर स्प्रेयर में हमेषा पानी भर कर रखें तथा हमेशा सतर्क रहे।
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