पटेल को प्रदेश की कमान से चुनावी मौसम में जातीय समीकरण साधने में फंस सकता है, पेंच !



एमपी नाउ डेस्क



राजनीति। देश में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा अपने चुनावी रूपरेखा और संघटन में अपनी मजबूत पकड़ के रूप में जानी जाती है. आगामी समय में देश में सम्पन्न होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अपने संघटन के राज्य इकाइयों में बदलाब करना शुरू कर चुकी है. तेलंगाना ,झारखंड, पंजाब और आंधप्रदेश के बाद मध्यप्रदेश में भी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं शुरू हो चुकी है. मध्यप्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे ऐसे में इन दोनों चुनावों के लिए मध्यप्रदेश भाजपा संघटन की कमान किसी नए व्यक्ति को देने की चर्चा और अटकलें तेज हो गई है. इन चर्चाओं में राजनीतिक गलियारों में  जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में चल रहा है, उसमे से एक नाम केंद्रीय मंत्री और दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल का है.राजनीतिक गलियारों में चर्चा है.. की मोदी सरकार अपनी आगामी कैबिनेट विस्तार में दमोह से सांसद और मंत्री प्रहलाद पटेल को कार्यमुक्त कर सकते है. उन्हे मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए संघटन में बड़ी ज़िम्मेदारी के रूप में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी जा सकती है.उमा भारती के समय से प्रदेश में सक्रिय भूमिका में रहने वाले प्रहलाद पटेल पिछले काफ़ी लंबे समय से प्रदेश की राजनीति में दूर से ही भागेदारी निभा रहे थे. ऐसे में फिर पटेल की प्रदेश में सक्रियता ने नए समीकरणों की अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. हालाकि ये सिर्फ़ चर्चाएं है.. भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने इस बात में अभी तक कुछ नहीं कहा है. मगर प्रहलाद पटेल की प्रदेश की राजनीति में सक्रियता को लेकर अटकलों के बाजार गर्म है.ये फैसला लेना भाजपा के लिए इतना भी आसान नहीं होगा.छात्र जीवन से राजनीति की शुरुवात करने वाले प्रहलाद पटेल लोधी जाति से आते है.जो मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आती है. तमाम तरह की खूबियां होने के बाद यही एक विषय फंसता है जहां भाजपा के लिए असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है. वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  किरार जाति से आते है जो की ओबीसी के अंतर्गत ही आती है, ऐसे में दो बड़े पदों में ओबीसी समाज के व्यक्तियों के होने से पार्टी में अन्य जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में असंतोष फैलने की संभावना प्रबल है. इन संभावनाओं के इतर भाजपा और उसका केंद्रीय नेतृत्व हमेशा ही राजनीतिक पंडितों के साथ लोगों के लिए चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाना जाता है.
अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।


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