"चिड़िया हाथ पर भी नही आई ट्टटी कर गई सो अलग" काल कूट jio सिनेमा में स्ट्रीम सीरीज रिव्यू



एमपी नाउ डेस्क



रिव्यू। कालकुट जियो सिनेमा में स्टीम एक और बेहतरीन वेब सीरीज है। आठ एपिसोड में पहला सीजन स्ट्रीम हुआ है। जो एक बेहतरीन कहानी कहती है.कालकूट का मतलब इतिहास में हिंदू धर्म में वर्णित कहानी के अनुसार हलाहल विष से की गई है। जब समुद्र मंथन शुरू हुआ उस दौरान उसमे काल कूट विष से भरा पात्र निकलता है. ये एक ऐसा विष होता है जो संसार को नृष्ट करने की ताकत रखता है ऐसे में भगवान शिव उस हलाहल विष को अपने कंठ में धारण करके पूरे संसार की रक्षा करते है नीलकंठ कहलाते है.


विजय वर्मा और श्वेता त्रिपाठी की वेब सीरीज का नाम काल कूट है। काल कूट नाम से बनी इस वेब सीरीज में दिखाया गया विष एक सामाजिक सोच को दर्शाता है। पुरुष की मानसिक विक्षिप्तता को दर्शाता है।सीरीज के अंत आते आते तक कहानी के नायक को भी ऐसा महसूस होता है वह स्वयं को अच्छा बेहतर इंसान समझता है कही न कही उसी विक्षित्पता से ग्रसित है।

 "अरे भईया ने एक बार जबरदस्ती से का ले लीअब रोज 
मर्जी से देती है " 

" छेड़ा छाड़ी तो लड़का लोग करता है, गर्म खून होता है न सर "

" गलत काम करने वाली लड़कियों के साथ ही गलत होता है "


ये कुछ संवाद है जो सीरीज के दौरान पात्र बोलते है।
कालकूट का पहला एपिसोड चालू होता है। जहां विजय वर्मा एक पुलिस के पात्र रवि का अभिनय कर रहे है जो अपनी पुलिस की नौकरी में ज्वाइनिंग के बाद से ही तंग हो चुका है। तीन महीने के जॉब के बाद ही उस नौकरी को छोड़ना चाहता है। अपने इस्तीफे के लिए आवेदन देता है पर सिस्टम उसे उलझाया रखता है। इस बीच उसे एक एसिड अटैक के केस की जॉच में लगा दिया जाता है। पुलिस के स्वभाव से विपरीत एक आत्मीयता भरा व्यवहार उसे पुलिस की नौकरी में संघर्ष देती है। पर धीरे धीरे वह उस सिस्टम के अंदर अपने आप को जमा लेता है। परत दर परत जमती कड़ियों से वह अपने जीवन के काल कूट को ग्रहण करते जाता है।
विजय वर्मा ने अपने अभिनय से सीरीज में जान डाली है। उनके हाव भाव उनके कैरेक्टर में जान डाल रहा है। सीरीज उन्ही के कंधे में आगे बढ़ती है। उनका साथ दिया है ,यादव कांस्टेबल के रूप में यशपाल शर्मा ने जिन्होंने पूरी सीरीज में उनके कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। यशपाल शर्मा अभी हाल फ़िलहाल अपनी फ़िल्म दादा लखमी को लेकर चर्चा में रहे है। भोपाल में उनसे मिलना हुआ था। जब ही उन्होंने बता दिया था काल कूट में अब देखने को मिलेंगे। अब में कह सकता हूं हां बहुत ख़ूब देखने को मिले सीरीज में यशपाल शर्मा। फ़िल्म में एसिड पीड़ित का अभिनय श्वेता तिवारी ने किया है वह भी एक बेहतरीन पात्र भूमिका थी।
सीरीज की कहानी में ही दम होना चाहिए तब ही वह दर्शकों को अपने और खींचती है। काल कूट की कहानी में दम है। सीरीज में जब लगता है अब आरोपी मिल गया तब ही फिर एक नया सस्पेंस पैदा हो जाता है।


27 जुलाई को सीरीज जियो सिनेमा में स्ट्रीम हुई है। अभी तक काफ़ी लोगों  इसे देख चुके होंगे, यादि आपने नही देखा है तो एक बढ़िया संडे आप इस सीरीज के साथ बिता सकते हो।

अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।

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