रख विश्वास तू है शिव का दास OMG -2 एक महत्वपूर्ण विषय में तर्क रखकर करती है, दर्शकों का मनोरंजन



एमपी नाउ डेस्क



रिव्यू - सबसे पहले यह गलतफहमी मिटा लो मन से की यह अक्षय कुमार की फिल्म है। ये फ़िल्म हैं पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम की क्योंकि अक्षय कुमार आपकों इसमें सिर्फ़ उतने ही दिखते है जितने ऊर्फी जावेद के तन में कपड़े मतलब पूरी फ़िल्म में अक्षय कुमार का रोल सिर्फ़ पंकज त्रिपाठी (कांति शरण मुद्गल) को एक मैसेंजर के जैसे गाइडेंस प्रदान करना है. जब- जब वह मुसीबत में और मानसिक दुविधा में फंस जाता है। इस फिल्म में अक्षय कुमार का स्टारडम भुनाने की कोशिश की गई है ऐसा कहा जा सकता है। फ़िल्म का विषय फ़िल्म को अनोखा बनाता है उससे भी ज्यादा फ़िल्म को लेकर लगता है. फ़िल्म का लेखक फिल्म को एक दार्शनिक के तौर में अपनी बातों को तथ्यों के आधार पर रखता है। उसमें भी पंकज त्रिपाठी जिस मासूमियत से उन तथ्यों को फ़िल्म में अपने अभिनय से प्रस्तुत करते है, थियेटर में बैठे सभी लोग अपनी हंसी रोकने से स्वयं को रोक नही पाते है। फ़िल्म मनोरंजन करती है जो आज के समय में फ़िल्म की पहली प्राथमिकता बन चुकी है। मगर ये फ़िल्म शिक्षा देने का भी कार्य कर रही है। कई ऐसे संवाद है फैमली के साथ बैठकर देखने में असहज कर दे फिर भी फ़िल्म पारिवारिक है क्योंकि आज की पीढ़ी को इन सब विषयों को लेकर एक उचित ज्ञान की आवश्कता है।

यामी गौतम ने फ़िल्म में काफ़ी बढ़िया और संजीदा अभिनय किया एक वकील के तौर में उनके सक्त एक्सप्रेशन हाव भाव देखकर उनके अभिनय को लेकर उनकी तारीफ़ की जा सकती है। 

 फ़िल्म देखी जानी चाहिए 😊

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