एमपी नाउ डेस्क
भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी. पहली लिस्ट में 39 विधानसभा प्रत्याशी के सूची में नाम है. जिसके बाद उक्त 39 विधानसभा क्षेत्र के दावेदारों में किसी के चेहरे खिल उठे और किसी को निराशा हाथ लगी. इन 39 दावेदारों की सूची में श्रीमंत सिंधिया समर्थक तीन दावेदारों के भाजपा से चुनाव लड़ने का सपना टूट चुका है....
छिंदवाड़ा की सौसर विधानसभा
सौसर से कमलनाथ के कट्टर विरोधी और सिंधिया के विश्वासपात्र अजय चौरे सौसर विधानसभा से अपनी टिकिट को लेकर आश्वत थे. परंतु भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा में घोषित प्रत्याशी सूची में सिंधिया समर्थक जो कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामकर कमल के फूल निशान में चुनाव लड़ने के लिए लालायित थे, अजय चौरे के हाथ में निराशा लगी.भाजपा ने पूर्व में सौसर विधानसभा से विधायक और पूर्व मंत्री नाना भाऊ मोहड़ को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया जिसके बाद से ही अजय चौरे के समर्थकों में असंतोष फैला हुआ है।
नीमच की जवाद विधानसभा
नीमच जिले की जवाद विधानसभा
वही दूसरा मामला कट्टर सिंधिया समर्थक माने जाने वाले समंदर पटेल का है.समंदर पटेल इंदौर के रहने वाले हैं। इंदौर में समंदर पटेल तुलसी सिलावट के बाद सिंधिया के कट्टर समर्थक के तौर में जाने जाते थे. लिम्बोदी ग्राम पंचायत से चार बार सरपंच रह चुके हैं। मालवा-निमांड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते थे। समंदर पटेल नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। 2018 में भी वो कांग्रेस से जावद विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. समंदर पटेल के जावद से निर्दलीय चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान हुआ था। 2018 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़ते हुए पटेल ने तकरीबन 35 हजार वोट लेकर कांग्रेस के राजकुमार अहीर का चुनाव में खेल बिगाड़ दिया था. जावद विधानसभा सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता ओमप्रकाश सकलेचा चुनाव लड़ते हैं। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद समंदर पटेल भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। वो फिर से जावद सीट के लिए दावेदारी पेश कर रहे थे, बीजेपी ने जावद से उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था. भाजपा सरकार के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा वर्तमान में जवाद विधानसभा से विधायक है. जिसके बाद शुक्रवार को उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली।
भिंड जिले की गोहद विधानसभा
तीसरा मामला भिंड जिले की गोहद विधानसभा का है जिसमें सिंधिया समर्थक रणवीर सिंह जाटव को निराशा हाथ लगी. बीजेपी ने गुरुवार को अपनी पहली लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में सिंधिया समर्थक नेता रणवीर सिंह जाटव को टिकट नहीं दिया गया है। गोहद से टिकट की दावेदारी कर रहे जाटव की जगह बीजेपी ने लाल सिंह आर्य को टिकट दिया है। 2018 के चुनाव में रणवीर सिंह जाटव ने कांग्रेस के झंडे के नीचे विधानसभा चुनाव में गोहद विधानसभा में पूर्व मंत्री भाजपा नेता लाल सिंह आर्य को हरा दिया था. लेकिन जब श्रीमंत ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा ज्वाइन की तब रणवीर जाटव ने भी साथ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. उपचुनाव में जब भाजपा ने उन्हें पुनः प्रत्याशी घोषित किया तब उन्हे कांग्रेस के मेवाराम जाटव के हाथों हार का सामना करना पड़ा ऐसे में इस बार भाजपा ने अपने पूर्व मंत्री और क्षेत्र के दिग्गज नेता लाल सिंह आर्य के उपर भरोसा जताया है.
भाजपा के 39 प्रत्याशियों की सूची में सिंधिया समर्थकों को लगी निराशा के बाद अन्य विधानसभा से सिंधिया के समर्थन के बदौलत भाजपा से टिकिट दावेदारी कर रहे भूतपूर्व कांग्रेसी और वर्तमान के भाजपाइयों को चिंता सताने लगी है. ऐसे लोगों में सिंधिया समर्थक भाजपा सरकार के कई मंत्री भी है।
अरविंद (एडी साहू ) - कंटेंट राइटर राजनीतिक विचारक डेटा एनालिस्ट चुनाव कैंपेन ,चुनावी रूपरेखा सोशल मीडिया में कार्य का अनुभव, माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल कैम्पस से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है समसामयिक विषयों में लिखने और पढ़ने और मुद्दे गढ़ने की विशेष क्षमता.
( 8982636362)
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आपने काफ़ी सुंदर और पूरी जानकारी सहित--डॉक्टर बनने के लिए कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिएके बारे मै पढ़ कर संतुष्टि मिली। धन्यवाद
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