बॉक्स ऑफिस की लाई लूटने के लिए क्या कार्तिक आर्यन का चार्म आएगा काम.. पढ़े रिव्यू सत्य प्रेम की कथा



एमपी नाउ डेस्क



रिव्यू। भूल भुलैया 2 की सक्सेज और शहजादा के फ्लॉफ होने के बाद एक बार फिर चार्मिंग एक्टर कार्तिक आर्यन अपनी नई फिल्म सत्य प्रेम की कथा के साथ बॉक्स ऑफिस में हाथ आजमाने के लिए आ चुके है. फिल्म की बात करूं तो फिल्म एक रोमांटिक लव स्टोरी है जिसमें कार्तिक आर्यन अपने कॉमिक स्टाइल से एंटरटेन करते है. वही फिल्म के अंत में कार्तिक का कथा ( कियारा आडवाणी) के लिए इमोशन भी फिल्म में दर्शकों को मुग्ध करती है.   


फिल्म की कहानी

फिल्म सत्य प्रेम अग्रवाल ( कार्तिक आर्यन) और कथा (कियारा आडवाणी) की लव स्टोरी में बेस्ड है. जहां सत्तू (कार्तिक आर्यन) कथा से प्यार करता है.मगर कथा तो पैसे वाले घर से है और सत्तू तो मध्यम वर्गीय परिवार का निकम्मा नकारा बेरोजगार युवक फिर भी ऐसा क्या होता है की अचानक कथा के मां बाप उसकी बेटी का रिश्ता लेकर सत्तू के घर पहुंच जाते है. जहां कथा इस शादी से खुश नहीं है वही सत्तू का कथा से शादी होने का सपना पूरा होने जा रहा है. नोक झोंक के साथ आगे बढ़ती कहानी अंत में एक सोशल मेसेज देती है. पूरी कहानी के लिए फिल्म आपका इंतजार कर रही है।

एक्टिंग 

कार्तिक आर्यन हमेशा की तरह चार्मिंग और फनी लगे है. फिल्म के अंत आते तक जो फिल्म की शुरुवात में छवि दिखाई गई थी. उसके विपरीत एक समझदार और सुलझे व्यक्तिव को दर्शाने का काम किया है. वही कियारा आडवाणी सुंदर लगी है. एक डरी हुई लड़की के एक्सप्रेशन में उनका काम सराहानीय रहा है. राज्यपाल यादव को फिल्म में क्यों लिया गया है ये समझ से परे है. उनके लिए करने के लिए कुछ था नही। सुप्रिया पाठक , गजराज राव अन्य सभी कलाकारो ने बेहतरीन कार्य किया है.

फिल्म देखे या नहीं..

फिल्म देखे जाने लायक है फिल्म एंटरटेन तो करती है पर उससे भी ज्यादा फ़िल्म एक बड़े सोशल इश्यू को दर्शाती है. फिल्म मेसेज देने की कोशिश करती है, हमको आपको। 

रेप बलात्कार जैसे मुद्दे में जिसमें हमेशा लड़की को ही दोष दिया जाता है. ऐसी सोच को आइना दिखाती है सत्य प्रेम की कथा. सिनेमा समाज का आइना होता है जहां लोगों की सोच में सिनेमा का प्रभाव दिखता है. ऐसे मुद्दे उठाए जाए तो ये सिनेमा मनोरंजन के साथ समाज को शिक्षा देने का भी काम करेगा।

अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu