यदि आपके पास दिमाग हो तो घर छोड़ जाओ RRR को देखने के लिए : फिल्म रिव्यू



एमपी नाउ डेस्क



एंटरटेंटमेंट। एस राजमौली की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म आरआरआर बीते 25 मार्च शुक्रवार के दिन सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है, बॉलीवुड और साउथ इंडस्टी के बड़े- बड़े नामों से सुशोभित फ़िल्म को अभी तक दर्शकों ने अपने सर आंखों में बिठा रखा है, फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कुछ इसी और इशारा कर रहा है। साउथ के दर्शकों के साथ हिंदी पट्टी में भी फिल्म का क्रेज देखने को मिल रहा है। 500 करोड़ी क्लब में शामिल होने के बाद और राजमौली जैसे बड़े कल्पनाशील निर्देशक की मूवी ने भी हमे सिनेमा हॉल की और आकष्ट किया।
कहानी की शुरुवात अंग्रजों के दौर के क्रांतिकारियो की है जंगल में मल्ली नाम की एक बच्ची के गाने से होती है, बच्ची को जबरदस्ती अंग्रजों द्वारा बंधी बनाके साथ लिजाया जाता है। उसके पीछे पीछे जुनियर एनटीआर कोमा राव भीमा गोंड  उसे छुड़ाने के लिए निकल पड़ता है। फिल्म का दूसरा हीरो रामचरण जिसका कैरेक्टर एक अंग्रेज सेना में अफसर का है, वह और एनटीआर की दोस्ती होती है या दुश्मनी फिल्म देखने के बाद पता चल ही जाएगा। फिल्म की लंबाई अखरती है। फिल्म बीच बीच में बोरियत महसूस करवाती है। फिल्म की कमज़ोरी कुछ ऐसे सीन फिल्माए गए है जो एक आम आदमी से ऐसे कार्य करवाए गए होते है।आप हजम नही कर सकते पर फिल्म यदि साउथ की हो तो आप को ऐसे सीन डाइजेस्ट करना होगा। मुझे पहला ही सीन याद आ रहा है जिसमे कांतिकारियो का अपार समूह लाखों की भीड़ अंग्रजों के थाने को घेर लेती है, अंग्रेजी अफसर उस भीड़ में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार करने का आदेश देता है। अंग्रजों के बीच पुलिस में काम करने वाला राम (रामचरण) बिना कुछ सोचे समझे उस भीड़ में घुस कर ऐसे ही चुटकी में हजारों लोगों की हड्डी तोड़कर उसे गिरफ्तार कर लेता है। ऐसा काम हम एक आम इंसान से करने की सोच भी नहीं सकते पर फिल्म साउथ की है तो कुछ भी हो सकता है। तो इसमें राजमौली जैसे बड़े निर्देशक से चूक हुई है। बाहुबली में चल गया था पर यह भी वही थोड़ा अटपटा सा लगा यदि आप फ़िल्म में दिमाग लगाकर देखना चाहते हो तो फिल्म निराश करेंगी।  

फिल्म देखने की वजह
फिल्म आप एस राजमौली के नाम, फ़िल्म में छोटे छोटे सीन में बारीकी से किए गए विज्युल ग्राफिक्स, एक बेहतरीन सिनेमोटोग्राफी के शौकीन हैं,तो आपको फ़िल्म निराश नहीं करने वाली एक एक सीन में काफी मेहनत की गई है। साथ ही दोनो नायकों को महान और सुपर ह्यूमन बनाने के लिए जो कुछ भी करना पड़े निर्देशक ने उसमे अपना बेस्ट दिया है। एक्टिंग की बात करे दोनो अभिनेता एनटीआर और रामचरण ने अपने अपने रोल के साथ इंसाफ करते नज़र आए। आप यदि इन दोनो के फैन हो राजमौली का निर्देशन पसंद हो तो देख ही सकते है।


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