धर्म। पाँच दिन चलने वाले दिपावली पर्व का समापन भाईयों की लंबी आयु की कामना से यमद्वितीया के रूप में मनाया जाता है. यमद्वितीया का एक औऱ नाम लोकभाषा में भाईदूज प्रचलित है। भाई दूज कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है इस दिन बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उनके लंबी आयु की कामना करती है जिसे म्रत्यु के देवता यम प्रसन्न होकर पुरी करते है।
भाई दूज की पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य पुत्र यम और पुत्री यमुना दोंनो भाई बहन में बहुत स्नेह था. परंतु यम अपने कार्यों में व्यस्त रहने की वजह से यमुना से नही मिल पाते थे. ऐसे में एक बार देवी यमुना ने अपने भ्राता यम से आग्रह किया अपने घर मे आतिथ्य का यमराज ने अपनी बहन की आतिथ्य को स्वीकार कर लिया. देवी यमुना ने उस दिन अपने भ्राता यम को तिलक लगाकर बहुत प्रकार के व्यजंनों से भोजन कराया। देवी यमुना के आतिथ्य और प्रेम भावना से प्रसन्नं म्रत्यु के देवता यमराज ने वर दिया जो भी भाई आज के दिन अपनी बहनों के घर मे जाकर उनका आतिथ्य स्वीकार करेगा और अपनी बहनों से मस्तिक में तिलक लगवाएगा उसे कभी यम भय अकाल म्रत्यु का भय नही सताएगा तब से लेकर अभी तक इसी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।
भाई दूज 2021 मुहूर्त भाई दूज पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:10 PM से 03:21 PM तक रहेगा। भाई दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। द्वितीया तिथि की शुरुआत 05 नवम्बर को 11:14 PM बजे पर हो जाएगी। द्वितीया तिथि की समाप्ति 06 नवम्बर को 07:44 PM पर होगी।
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