फिल्म बॉडी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें पोस्ट-प्रोडक्शन कार्य की अनुमति देने और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियोंके लिए मदद मांगी।



एमपी नाउ डेस्क

मुम्बई:-महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की थी कि कोरोनो वायरस मामलों को रोकने के लिए नए दिशानिदेर्शों के तहत फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और विज्ञापन की शूटिंग बुधवार शाम से राज्य में रोक दी जाएगी। जिसके बाद महाराष्ट्र में शुटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन कार्य बंद है।  इसी बीच मीडिया और मनोरंजन उद्योग की समन्वय समिति ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि चल रहे कर्फ्यू के दौरान कुछ चीजों की अनुमति दें। समिति में इम्पा, आइएफटीडीए,एफडब्लूआईसीई, सिंटा, पीजीआई, विफ्पा, आईएफटीपीसी और सोनी टीवी, स्टार टीवी, जी टीवी तथा कलर्स टीवी के पदाधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद थे।
 टीवी और  फिल्म सेट पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए टीकाकरण के अनुरोध के लिए प्रोडक्शन के बाद के काम की अनुमति देने से लेकर, समिति ने पत्र में कुछ बिंदुओं को सूचीबद्ध किया है जो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को भी दिए गए हैं।  इस समन्वय समिति  में मीडिया और मनोरंजन उद्योग से डॉ. अमोल कोल्हे-सांसद और कलाकार, आदेश बांदेकर, दानिश खान- सोनी टीवी, गौरव बनर्जी - स्टार टीवी, अमित शाह-जी, मनीषा शर्मा-कलर्स टीवी, टीपी अग्रवाल-इम्पा, संग्राम शिर्के-विफ्पा,जेडी मजेठिया-नितिन वैद्य - आईएफटीपीसी, अशोक पंडित-आईएफटीडीए, नितिन तेज आहुजा -पीजीआई, अशोक दुबे - एफडब्ल्यूआईसीई और अमित बहल -सिंटा आदि ने अपना विचार रखा।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा घोषित" ब्रेक द चेन "आदेश के तहत, वर्तमान में शूटिंग पर रोक लगा दी गई है जो अनिवार्य रूप से लगातार कोविड परीक्षण  और सावधानी के साथ चल रही थी। यह  आदेश 1 मई को सुबह 7 बजे तक लागू है।
फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दूबे और ट्रेजरार गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव (संजू भाई )ने कहा कि राज्य सरकार का फैसला  मनोरंजन उद्योग से जुड़े वर्करों और टेक्नीशियनों के लिए बहुत बड़ा झटका है। हमें काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। सभी सरकारी दिशा-निदेर्शों का पालन करते हुए फिल्मों और टीवी की शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन  पूरी सावधानी के साथ चल रही थी। लेकिन शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन  का पूरा रुकना एक झटका है। हम पूरी सावधानी बरतेंगे, नए, सख्त दिशानिदेर्शों का पता लगाएंगे लेकिन अब  यदि काम रुक गया है, यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) के प्रेसिडेंट अशोक पंडित ने कहा, जब लोग घर पर बैठे होते हैं, तो मनोरंजन उद्योग उन्हें बनाए रखता है इस तरह के समय के दौरान, हम कैसे आवश्यक कार्यकर्ता नहीं हैं?। एफडब्ल्यूआईसीई के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे, जो बैठक में भी मौजूद थे, ने कहा, यदि लॉकडाउन 1 मई से अधिक विस्तारित होता है, तो हम राज्य के मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहते हैं कि वे बायो बबल में काम करने की अनुमति दें जिस तरह से आईपीएल मैच हो रहे हैं। स्टूडियो में ऐसा करना संभव है।
इंडियन फिल्मों और टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल (आईएफटीपीसी) के टीवी और वेब विंग के प्रेसिडेंट अभिनेता-निमार्ता जेडी मजेठिया ने कहा कि समिति आदेश के साथ खड़ा है, लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरेजी  से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेगा। मजेठिया ने कहा कि फिल्म और टीवी कलाकार फ्रंटलाइन वर्कर्स से कम नहीं हैं, जो वर्तमान में गंभीर समय में दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

शशिकांत सिंह (पत्रकार मुम्बई)

9322411335

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