लॉक डाउन और कोरोना की वजह से सेक्स वर्कर को हुआ नुकसान कर्जे में डूबी सोनागाछी की 89% महिला सैक्स वर्कर: सर्वेक्षण



एमपी नाउ डेस्क

कोलकाता(पश्चिम बंगाल):- एशिया के सबसे बडे रेड लाइट एरिया सोनागाछी में काम करने वाले यौन कर्मी भारी कर्जे में डूब गए है ये कर्ज सेक्स वर्करों ने स्थानीय साहूकारों कोठा(वेश्यालयों) मालिकों दलालों से लिया है वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से देश मे लॉक डाउन लगाया गया था सरकारों का मानना था कि लॉक डाउन ही एकमात्र विकल्प है कोरोना से जंग लड़ने का मगर लॉक डाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में गहरी चोट पड़ी जिस वजह से देश भर में कई नागरिकों को अपने गुजर बसर के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में सोनागाछी रेड लाइट एरिया में वर्क करने वाली 89% यौनकर्मी ने अपने गुजर बसर के लिए भारी कर्ज ले रखा है इसका खुलासा गैर सरकारी संघठन एन्टी ह्यूमन ट्रेफिकिंग के सर्वक्षण में हुआ है

सर्वेक्षण के लिए करीब 98 प्रतिशत यौनकर्मियों से संपर्क किया गया

इस सर्वेक्षण के लिए करीब 98 प्रतिशत यौनकर्मियों से संपर्क किया गया था। ‘एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑर्गेनाइजेशन’ के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष तपन साहा ने कहा, ''कर्ज के बोझ तले दब चुकीं इन यौनकर्मियों के पास इससे बाहर निकलने कोई रास्ता नहीं है। भले ही लॉकडाउन समाप्त हो गया है, लेकिन वे संक्रमण के खतरे के कारण काम नहीं कर सकतीं। ऐसे समय में, राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और कोई वैकल्पिक योजना तैयार करने में उनकी मदद करनी चाहिए।’’ यौनकर्मियों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन ‘दरबार’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही यौनकर्मी आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। 

लॉकडाउन के दौरान यौनकर्मियों को हर संभव मदद मुहैया कराई?


जब इस मामले में राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी सर्वेक्षण की जानकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान यौनकर्मियों को हर संभव मदद मुहैया कराई है। मंत्री ने कहा, ''मुझे ऐसे किसी सर्वेक्षण की जानकारी नहीं है। यदि यौनकर्मी हमें इस संबंध में पत्र लिखती हैं तो हम इस मामले को देखेंगे। राज्य सरकार ने मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही उन्हें नि:शुल्क राशन मुहैया कराने समेत हर प्रकार की मदद दी है।’’

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