आप अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी से खुश है? यदि है तो आप एक उदाहरण पेश कर रहे हो।



एमपी नाउ डेस्क


 मुम्बई :-सुबह तड़के रिपब्लिक मीडिया के एडिटर अर्णव गोस्वामी को अलीबाग पुलिस ने उनके निज निवास से गिरफ्तार कर लिया है गिरफ्तारी की वजह 2 वर्ष पूर्व 2018 में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के आरोप में गिरफ्तारी की गई है गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट पुलिस के एनकाउंटर स्पेसलिस्ट के नेतृत्व में ak-47 के साथ पुलिस पहुँचा था जैसे किसी आतंकवादी को गिरफ्तार करने गए हो रिपब्लिक के एडिटर अर्णव ने महाराष्ट्र पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ गिरफ्तारी के वक्त हाथापाई की जिस मामले में गिरफ्तारी हूई है वह मामला पुराना है उस वक्त रायगढ़ के तब के एसपी अनिल पारसकर के मुताबिक, इस मामले की छानबीन के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे.

                                                    

अब गिरफ्तारी क्यों?

 अर्णव गोस्वामी के ऊपर आरोप लगते है कि वह एक एजेंडे के तहत अपने चेनेल में रिपोटिंग करते रहते है उनकी पत्रकारिता में  एक विशेष पार्टी के प्रति उनका झुकाव रहता है रिपब्लिक मीडिया में पालघर सुशान्त सिंह कंगना रनोत जैसे मुद्दे में रिपोटिंग  की गई थी जिसे महाराष्ट्र में महघाड़ी (शिवसेना कांग्रेस राष्टवादी कांगेस) से सीधे सीधे आमने सामने आ गए थे बंद हुए मामले में गिरफ्तारी महाराष्ट सरकार पर बदले की कार्यवाही के आरोप लग रहे है कई मीडिया हाउस पत्रकार बिरादरी इस गिरफ्तारी की आलोचना कर रही है पर कुछ इसे जायज ठहरा  रहे है आप अर्णव की पत्रकारिता से सहमत न हो किंतु आप इस कृत्य को जायज ठहरा रहे हो तो आप एक उदारण सेट कर रहे है क्योंकि कल कोई दूसरा मीडिया हाउस होगा कोई दूसरा पत्रकार होगा उसका एजेंटा भी दूसरा हो  सरकार किसी और राज्य की  हो कार्यवाही यही होगी और उदारण अर्णव गोस्वामी का दिया जायेगा।।                                              


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