जंगल बुक का बघीरा फिर आया लौट

कोरोना महामारी के चलते जहा देश मे लॉक डाउन लागू है जिस वजह से लोग अपने घर मे कैद हुए पड़े है ऐसे समय में प्रकृति अपना सुंदर रूप दिखा रही है  ऐसे समय मैं जंगलों नदियों समुद्री तटों से बहुत ही अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहे है ऐसा ही एक दृश्य नेत्रावली वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से आई है जहां दुर्लभ प्रजाति के ब्लैक पेंथर की फ़ोटो कैमरे में कैद हुई
स्वयं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने ट्वीटर हैंडल से ब्लैक पेंथर की फ़ोटो शेयर कर उक्त जानकारी दी।
दुर्लभ प्रजाति के तेंदुए की फ़ोटो देखते ही देखते सोशल मीडिया में वायरल होने लगी जिसमे लोग तरह तरह के कमेंट करते नजर आ रहे है वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने वायरल फ़ोटो के बारे में कहा ब्लैक पैंथर के मिलने के बाद हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यहां और भी है या ये सिर्फ एक ही है. उन्होंने कहा, नेत्रवली सेंचुरी में ब्लैक पैंथर का कैमरे में कैप्चर होना बेहद खुशी की बात है.
बता दे ब्लैक पैंथर्स मेलेनिस्टिक हैं और आमतौर पर कर्नाटक में पश्चिमी घाट और दांदेली-अंशी जैसे सदाबहार जंगलों में पाए जाते हैं।एशिया और अफ्रीका में पाए जाने वाले ब्लैक पैंथर वास्तव में काले तेंदुए (पैंथेरा पैराडस) हैं, और अमेरिका में इनकी काला जगुआर (पैंथेरा ओन्का) प्रजाति पाई जाती है। काला पैंथर एक सामान्य रंगीन पैंथर के समान प्रजाति है जिसकी त्वचा में उच्च मात्रा में वर्णक (मेलेनिन) होता है, जिससे जानवर काला हो जाता है। मेलेनिज्म एक अवशिष्ट जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है।वर्ल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के अनुसार देश के 17 राज्यों में करीब 9 हजार तेंदुए हैं. भारतीय तेंदुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण किए जाने वाले जीवों की सूची में हैं.

कैमरे में पहली बार साल 2007 में सिमिलीपाल बाघ अभ्यारण्य में एक काला पेंथर देखने को मिला था
Close Menu