बॉलीवुड का गूलर का फूल इरफान खान आज मुरझा गया

इरफान एक शाहबजादे बॉलीबुड के लिए निकाल दिया अपना कलेजा आज बॉलीबुड का कलेजा का टुकड़ा आसमानों में कहि खो गया ,
इरफान खान अंग्रेजी हिंदी फीचर फिल्म एव टेलीविजन के कुशल अभिनेता 7 जनबरी 1967 में  राजस्थान के टोंक जिले के खजुरिया ग्राम में एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए इरफान खान ने 1984 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति अर्जित की और वहीँ से अभिनय की कला सीख साल 1998 में फिल्म सलाम बॉम्बे से करियर शुरू करने वाले इस एक्टर के बारे में किसी ने नहीं सोचा था कि वो हॉलीवुड तक को अपनी एक्टिंग का दीवाना बना देगा. हॉलीवुड में उन्होंने माइटी हार्ट और जुरासिक पार्क जैसी ऐतिहासिक फिल्मों में काम किया.

साहबजादे इरफान ने अपने करियर की शुरुआत टेलिविजन से की थी, जिसके बाद वह फिल्मों में आए. हासिल, हैदर, अंग्रेजी मीडियम, हिन्दी मीडियम, पान सिंह तोमर ना जाने कितनी ऐसी फिल्में हैं, जिनमें इरफान खान ने दमदार काम किया.

मगर कहते है न जब कोई वस्तु या व्यक्ति अनमोल हो जाता है उसके खो जाने का खतरा भी बढ़
जाता है ऐसे ही इरफान खान के साथ भी हुआ अभिनेता इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया, मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इरफान खान ने 54 साल की उम्र में अंतिम सांस ली
इरफान को क्लोन इन्फेक्शन हुआ था जिसका इलाज वह काफी समय से करा रहे थे

इरफान के चाहने वालों में हॉलीवुड स्टार भी शामिल अभिनेता टॉम हैंक्स ने उनकी सराहना करते हुए कहा था कि इरफान की आंखें भी अभिनय करती हैं,
इरफान खान को फिल्म 'पान सिंह तोमर' के लिए साल 2013 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। साल 2011 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। इरफान हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में नजर आए थे।

इरफान शाहबजादे बॉलीवुड का गूलर का फूल था जो आज मुरझा गया इरफान के लिए पंक्ति याद आती है,
       """"दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए  जब तक न साँस टूटे जीये  जाना चाहिए""""


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